उश्की मोहब्बत
उस सख्स कि मोहब्बत का कुछ अंदाज़ ही नहीं ... अगर करता है प्यार मुझसे तो वो जताता क्यूँ नहीं .... कहता है तेरे आंसू गिरे तो दुनिया को रुला दूंगा .... फिर दिल पर लगे ज़ख़्म वो मिटाता क्यूँ नहीं .... अजीब किस्म की चाहत है उसकी ..... दूर जाने ही नहीं देता और पास आने भी नहीं देता .... कैसे पहचानू तेरी मोहब्त को दीवाने .... तू दर्द भी देता है और रुलाता भी नहीं ......