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क्या ये प्रलय का समय हैं

 क्या ये प्रलय  का  समय  हैं ! क्या ये प्रलय  का  समय  हैं  श्याह  पडा आसमान हैं  शहर हुआ वीरान है  उखड़ रही चाहते हैं  धधक  रहा शमशान हैं  क्या ये प्रलय  का  समय  हैं ! गिद्धों का लगा बाजार है  सांसों का हो रहा व्यापर है  जलने का हो रहा इंतजार है  इंसानियत आज शर्मसार हैं  क्या ये प्रलय  का  समय  हैं ! चहुऔर घनघोर अंधेरा है  बेबसी ने डाला डेरा हैं  सन्नाटे को तोड़ शिशकीआ हैं  आंसुओं का समन्दर हैं  क्या ये प्रलय  का  समय  हैं !                 Sanjeev Singh 
जिस रिश्ते में झुठ  बरदास्त करने कि ताकत नहीं है उस रिश्ते का  कोई मतलब नहीं है। ……

उश्की मोहब्बत

उस  सख्स  कि  मोहब्बत  का कुछ  अंदाज़ ही नहीं ... अगर करता है प्यार मुझसे तो वो जताता क्यूँ  नहीं .... कहता है तेरे आंसू गिरे तो दुनिया को रुला दूंगा .... फिर दिल पर लगे ज़ख़्म वो मिटाता क्यूँ नहीं .... अजीब किस्म की चाहत है उसकी ..... दूर जाने ही नहीं देता और पास आने भी नहीं देता .... कैसे पहचानू तेरी मोहब्त  को दीवाने .... तू दर्द भी देता है और रुलाता भी  नहीं ......

Mera Bachpan

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Bachpan Ki Woh Amiri Na Jane Kaha kho Gayi..... Warna Barish Ke Pani mein Hamara Bhi Jahaaz Chala Karta Tha....

Mai Chup Hoon.

Zindgi Hai Nadan Isliye Chup Hoon, Dard Hi Dard Hai Subah Sham Isliye Chup Hoon... Kah To Doon Zamane Se Dastan Apni, Kahi tum ho na jao badnaam isliye chup hoon.

करे कोशिश

करे कोशिश अगर इंसान तो क्याक्या नहीं मिलता वो उठकर चल के तो देखे जिस रस्ता नहीं मिलता ! भले ही धूप हो, कांटे हों पर चलना ही प़डता है किसी प्यासे को घर बैठे कभी दरिया नहीं मिलता ! कहें क्या ऐसे लोगों से जो कहकर ल़डख़डाते हैं कि हम आकाश छू लेते मगर मौका नहीं मिलता ! कमी कुछ चाल में होगी, कमी होगी इरादों में जो कहते कामयाबी का हमें नक्शा नहीं मिलता! हम अपने आप पर यारो भरोसा करके तो देखें कभी भी ग़िडग़िडाने से कोई रुतबा नहीं मिलता!..